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प्यारी बेटी योजना

लड़कियां वर्षों से भारत में कई तरह के अपराधों और भेदभावों से पीड़ित हैं।केवट समुदाय से संबंधित है।

• इनमें सबसे भयानक अपराध कन्या भ्रूण हत्या है।
• बालिकाओं के जीवन को बचाने के लिये महिलाओं का सशक्तिकरण एक बहुत प्रभावशाली तरीका है।
• बेटी बचाओ के सन्दर्भ में कुछ प्रभावशाली अभियानों के माध्यम से लोगों को जागरुक किया जाना चाहिये।
• एक लड़की को प्रत्येक क्षेत्र में समान पहुँच और अवसर देने चाहिये।
• BSWS FOUNDATION द्वारा लड़कियों को बचाने और शिक्षित करने के लिये बहुत से कदम उठाये गये है।
• बिना महिला साक्षरता के बेटी बचाओ योजना को सफल नहीं बनाया जा सकता है।
• लोगों को लड़कियों को बचाना और सम्मान करना चाहिये क्योंकि वो पूरे संसार का निर्माण करने की शक्ति रखती है।

लड़कियों के साथ शोषण होने के पीछे मुख्य कारण अशिक्षा भी है। अगर हम पढ़े-लिखे शिक्षित होते हैं तो हमें सही- गलत का ज्ञान होता है। जब बेटियां अपने पैर पर खड़ी होंगी तो कोई भी उन्हें बोझ नहीं समझेगा।

इसीलिए 'बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के माध्यम से बेटियों को अधिक से अधिक शिक्षित बनाने पर जोर दिया जा रहा है। शिक्षित लोगों के साथ कुछ भी गलत करना आसान नहीं होता। लड़की पढ़ी-लिखी होगी तो न अपने साथ कुछ गलत होने देगी और न ही किसी और के साथ होते देखेगी। इसीलिए लड़की का शिक्षित होना अत्यंत ● आवश्यक है। कार्रवाई की।

बेटियों को समाज में एक स्थान देना।

• बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
• कन्या भ्रूण हत्या को रोकना बेटियों को अच्छी शिक्षा देना।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना में ना केवल बेटियों को जन्म से पहले ही मार देने के अपराध भ्रूण हत्या को रोकना है। बल्कि बेटियों की सुरक्षा और उनके भविष्य को सुरक्षित करना भी है। आजकल दिन-प्रतिदिन लड़कियों के प्रति बहुत ही खिलौने अपराध जैसे : छेड़छाड़, बलात्कार, घरेलू हिंसा बहुत तेजी से बढ़ रहे है। इसलिए इसको रोकने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है। इससे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लिए BSWS FOUNDATION की द्वारा प्यारी बेटी योजना घोषणा की है।

महिलाएं पर्यावरण की रक्षा कैसे कर सकती हैं?

महिलाएं प्रकृति की सुरक्षा और उसकी क्षमता में सुधार, कृषि भूमि के रखरखाव और प्रकृति और पर्यावरण के भविष्य की देखभाल को अधिक प्राथमिकता देती हैं। बार-बार किए गए अध्ययनों से पता चला है कि महिलाओं की पर्यावरण में हिस्सेदारी है, और यह हिस्सेदारी इस बात से परिलक्षित होती है कि वे प्राकृतिक संसाधनों की किस हद तक परवाह करती हैं।

पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं की क्या भूमिका है?

महिलाओं ने पर्यावरण व वनों की रक्षा के लिये कई आन्दलनों में भाग लिया इनमें अग्रणी भमिका निभायी है और अपने प्राणों की आहूति तक दी है। कार्ल मार्क्स का कथन है कि सृष्टि में कोई भी बड़े से बड़ा सामाजिक परिवर्तन महिलाओं के बिना नहीं हो सकता''। अतः महिलाओं ने सदैव ही पर्यावरण संरक्षण की बात की है।

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